कविता का सीधा सम्बन्ध हृदय से होता है। कविता में कही गई बात का असर तेज और स्थायी होता है। कविता के दो पक्ष होते हैं। आन्तरिक यानि भाव पक्ष और बाह्य यानि कला पक्ष। सर्वप्रथम कला पक्ष पर विचार करें। कविता को मर्मस्पर्शी बनाने में सार्थक ध्वनि समूह का बड़ा महत्व है। विषय को स्पष्ट और प्रभावशाली बनाने में शब्दार्थ योजना का बड़ा महत्व है। शब्दों का चयन कविता के बाहरी रूप को पूर्ण और आकर्षक बनाता है। कवि की कल्पना शब्दों के सार्थक और उचित प्रयोग द्वारा ही साकार होती है। अपनी हृदयगत भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए कवि भाषा की अनेक प्रकार से योजना करता है ओर इस प्रकार प्रभावशाली कविता रचता है। शब्द शक्ति, शब्द गुण, अलंकार लय तुक छंद, रस, चित्रात्मक भाषा इन सबके सहारे कविता का सौंदर्य संसार आकार ग्रहण करता है। लय और तुक कविता को सहज गति और प्रवाह प्रदान करते हैं। लयात्मकता कविता को संगीतमय और गेय बनाती है जिससे कविता आत्मा के तारों को झंकृत कर अलौंकिक आनन्द प्रदान करती है। कविता में तुक का भी अपना एक अलग स्थान हैं जब किसी छन्द के दो चरणों के अन्त में अत्न्यानुप्रास आता है तो उसे तुक कहा जाता है जिसके कारण कविता में माधुर्य और प्रभाव बढ़ जाता है।
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3 comments:
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