राष्ट्रपति बराक ओबामा चौथे विदेशी नेता हैं जिन्होंने भारतीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इसके पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो अबे और रूस के वर्तमान प्रधानमंत्री ब्लादीमीर पुतिन ने भी संयुक्त बैठक को संबोधित किया है।
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां के दोनों सदनों को संबोधित करना गौरव की बात है। दोनों सदनों के करीब 800 सदस्य हैं। भारत सरकार भी गिने-चुने नेताओं को ही यह अवसर देती है। संयुक्त बैठकें हमेशा सेंट्रल हॉल में आयोजित की जाती हैं। सेंट्रल हॉल भारतीय संविधान और लोकतंत्र की कई एतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है।
ओबामा के ठीक पहले अमेरिका में राष्ट्रपति पद संभाल रहे जार्ज बुश भी भारतीय संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करने में रुचि रखते थे। लेकिन उसी समय भारत और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर करार हुआ था जिसका वाम दल कड़ा विरोध कर रहे थे। उन्होंने बुश के संबोधन के लिए संयुक्त बैठक के प्रस्ताव का तीखा विरोध किया, जिसके बाद बुश को यह अवसर नहीं मिला।तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने भी अगस्त 2007 में संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था।
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