समाज
में उच्च वर्ग के तथा निम्नवर्ग
के लोग दिखाई देते हैं।यह
विभाजन मुख्य रूप से धन संपत्ति
के आधार पर होता है। धन के अभाव
में गरीबों को आवश्यक भोजन व
शिक्षा नहीं मिलते । उन्हें
समाज में एक तरह से उपेक्षित
जीवन बिताना पड़ता है।
आदमी का बच्चा कहानी में भी यही बात देखने को मिलते है।डौली के लिए जीवन की सुख सुविधाएँ काफ़ी थी। उसकी देखभाल भी बड़ी सतर्कता से की जाती है।लेकिन धोबी -माली के बच्चे तो गरीब हैं। उसका पालन पोषण केलिए पर्याप्त धन उसके पास नहीं होते । सफ़ाई आदि में भी वे पीछे रह जाते हैं। धन और शिक्षा की कमी के कारण ही उच्च वर्ग के लोग उन्हें बेहूदे तक कहते है।
समाज का यह कर्तव्य है कि आधुनिक समाज के मनुष्यों में इस तरह की भिन्नता न रहने दे ।सब को समान रूप से देखा जाए । सब को बराबरी का अवसर प्रदान किया जाए ।
आदमी का बच्चा कहानी में भी यही बात देखने को मिलते है।डौली के लिए जीवन की सुख सुविधाएँ काफ़ी थी। उसकी देखभाल भी बड़ी सतर्कता से की जाती है।लेकिन धोबी -माली के बच्चे तो गरीब हैं। उसका पालन पोषण केलिए पर्याप्त धन उसके पास नहीं होते । सफ़ाई आदि में भी वे पीछे रह जाते हैं। धन और शिक्षा की कमी के कारण ही उच्च वर्ग के लोग उन्हें बेहूदे तक कहते है।
समाज का यह कर्तव्य है कि आधुनिक समाज के मनुष्यों में इस तरह की भिन्नता न रहने दे ।सब को समान रूप से देखा जाए । सब को बराबरी का अवसर प्रदान किया जाए ।
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