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05 July 2014

उपयोगी जानकारी!

ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण) विधि में यूनिकोड-हिन्दी में लिखने वाले लोगों के लिए एक खुशख़बरी है। माइक्रोसाफ्ट ने आईएलआईटी (इंडिक लैंग्वेज इनपुट टूल) नाम से अपना एक उत्पाद ज़ारी किया है, जिसके वेब (केवल ऑनलाइन इस्तेमाल के लिए) और डेस्टटॉप (माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ में किसी भी अनुप्रयोग में ऑफलाइन तथा ऑनलाइन प्रयोग के लिए) दोनों ही संस्करण उपलब्ध हैं। इस टूल में उन सभी समस्याओं से छूटकारा पा लिया गया है जो गूगल आईएमई टूल में मौज़ूद हैं। इस टूल की मदद से हिन्दी के अलावा बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलगू भाषाओं में टाइपिंग की जा सकती है।

सबसे पहले अपने वेबब्राउजर में http://www.bhashaindia.com/ilit/ लिंक खोलें। अब आपको यहाँ तीन विकल्प मिलेंगे। पहला रास्ता तो यह है कि आप वहाँ बने टाइपिंग बॉक्स में रोमन में हिन्दी में लिखना शुरू करें और कॉपी-पेस्ट विधि से जहाँ ज़रूरत हो, वहाँ इस्तेमाल करें।


आप चाहें तो इस टूल का मात्र वेब-संस्करण ही इंस्टॉल करके काम चला सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ नहीं करना है। उपर्युक्त लिंक-पेज़ पर उपलब्ध ‘Install Web Version’ बटन पर क्लिक करें और निर्देशों का पालन करें। आप लगभग सभी प्रचलित ब्राउजरों में इसे इंस्टॉल कर सकते हैं।

यदि आप इस टूल का प्रयोग विंडोज़ के सभी अनुप्रयोगों में करना चाहते हैं तो ‘Install Desktop Version’ पर क्लिक करें। यह टूल विंडोज़ 7, विडोंज़ विस्टा या विंडोज़ एक्स पी SP2+ (32-bit) में से किसी भी सिस्टम में संस्थापित किया जा सकता है। आपके कम्प्यूटर में कम से कम 512 MB का RAM होना ज़रूरी है, और साथ ही साथ 1 GHz 32-bit (x86) या 64-bit (x64) प्रोसेसर होना चाहिए।

XP प्रयोक्ताओं के लिए
यदि आपके सिस्टम में पहले से Microsoft .Net Framework 2.0 और Mircosoft Windows Installer 3.1 नहीं हैं, तो इस टूल का सेट-अप पहले इन्हें डाउनलोड करके इंस्टॉल करेगा। आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, ये काम यह टूल स्वयं कर लेगा। इन दोनों के इंस्टॉल होने के बाद आपका सिस्टम अपने आप रिस्टार्ट होगा। इसके बाद सेट-अप अपने आप चलेगा और इंस्टॉलेशन पूरा होगा। रिस्टार्ट होने के बाद यदि सेट-अप अपने आप नहीं चालू होता, तो उसे मैनुअली चलाएँ। अतः आपको सलाह दी जाती है कि जब आप इस टूल का सेट-अप डाउनलोड करें, तो सीधे ‘Run’ पर क्लिक करने की बजाय, ‘Save’ पर क्लिक करें।

इंस्टॉलेशन के बाद अलग-अलग मशीनों में इसे किस तरह से संचालित किया जाय, इसका सचित्र विवरण इस टूल की वेबसाइट पर उपलब्ध है। फिर भी यदि आप इस टूल को इंस्टॉल करने में किसी प्रकार की असुविधा का अनुभव करें तो मुझे लिखें, मैं उस ट्यूटोरिल को सरल भाषा में लिखने का प्रयास करूँगा।
Posted by शैलेश भारतवासी at 1:17 PM

ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण) विधि से हिन्दी में टाइप करने का सर्वोत्तम टूल


गूगल IME - हिन्दी में टाइप करने का सरलतम साधन


आज से लगभग दो वर्ष पहले जब मैं लोगों को ऑनलाइन हिन्दी टाइपिंग टूल के बारे में बताता था तो सबसे पहले गूगल का ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण) टूल के बारे में बताता था। और ऐसे लोगों को जो कि पहली बार हिन्दी में टाइप कर रहे होते थे, उन्हें सबसे अधिक यही टूल पसंद भी आता था।

लेकिन इस टूल की अपनी सीमाएँ हैं-
1) इंटरनेट कनैक्शन के लगातार बने रहने पर ही यह काम करता है।
2) इंटरनेट कनैक्शन सतत नहीं है, या आप डायल-अप कनैक्शन के उपभोक्ता हैं तो बहुत सम्भव है कि कई शब्द रोमन से देवनागरी में बदले ही ना।
3) और जबसे गूगल ने गूगल ट्रांसलिटरेशन बुकमार्कलेट ज़ारी किया तब से इनका अजाक्स फीचर और भी दुखदायी हो गया है।

मुझे याद है यूनिप्रशिक्षण के दौरान कम से कम 500 प्रशिक्षुओं ने मुझसे पूछा होगा कि गूगल की यह सुविधा ऑफलाइन इस्तेमाल के लिए नहीं मिल सकती? मैं कहता कि मैं तो इन सुविधाओं का प्रचारक हूँ, बनाने वाला होता तो ज़रूर बना चुका होता। इस संदर्भ मैंने गूगल-दरबार में 1-2 बार गुहार भी लगाई। खैर उन गुहारों का असर तो नहीं हुआ लेकिन बाज़ार का असर हुआ। माइक्रोसाफ्ट द्वारा हिन्दी के अतिरिक्त कई अन्य भारतीय भाषाओं में आईएमई(इनपुट मेथड एडीटर) ज़ारी किये जाने के बाद शायद प्रतिस्पर्धा का ही परिणाम था कि गूगल ने अपना आईएमई टूल जारी कर दिया।

हाँ, तो मैं इस खुशख़बरी के साथ हाज़िर हूँ कि यदि आप गूगल के ट्रांसलिटरेशन टूल के साथ बने रहना चाहते हैं लेकिन किसी ऑनलाइन बाक्स, ऑरकुट, जीमेल में टाइप करने के ताम-झाम से बचना चाहते हैं तो गूगल ने अपना ट्रांसलिटरेशन आईएमई टूल ज़ारी कर दिया है। गूगल ने यह टूल एक साथ 14 भाषाओं (अरबी, फ़ारसी (पर्सियन), ग्रीक, बंगाली, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, तमिल, तेलगू और ऊर्दू) में टाइप करने के लिए ज़ारी किया है। मैं यह ट्यूटोरियल हिन्दी के IME टूल के लिए तैयार कर रहा हूँ।

क्या खा़स है इस टूल में-

1) इंटरनेट कनैक्शन की कोई आवश्यकता नहीं- आप एक बार इंस्टॉल कर लें, फिर आपके पास इंटरनेट कनैक्शन हो या न हो, कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
2) आसान कीबोर्ड- गूगल के इस टूल से लोगों की यह भी शिकायत रहती थीं कि वे हिन्दी के चालू शब्द तो टाइप कर लेते थे, लेकिन कई संस्कृतनिष्ठ शब्द नहीं टाइप हो पाते थे। जैसे बहुत कोशिशों के बाद भी 'हृदय' लिखना मुश्किल होता था, 'ह्रदय' से ही काम चलाना पड़ता था। जो लोग इस टूल का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इस टूल की सीमाओं का पता है। अब नये IME में गूगल ने एक कीबोर्ड दिया है, जिसकी मदद से आप दुर्लभ और जटिल शब्द भी टाइप कर सकते हैं।
3) शब्दों की पूर्ति- इसमें शब्दकोश आधारित शब्द पूर्ति पद्धति सक्रिय है। इसकी मदद से टाइप करने वाले को यह आसानी होती है कि जैसे ही वह किसी शब्द के 2-3 अक्षर टाइप करता है, गूगल का यह सिस्टम इससे बन सकने वाले शब्दों का सुझाव देने लगता है। जैसे- 'हिन्दी' लिखना है, hi टाइप करते ही 'हिन्दी' का विकल्प प्रदर्शित हो जाता है।
4) खोज का विकल्प- इस टूल के साथ हर शब्द, शब्द-युग्म और सम्भावित शब्द के नीचे एक तीरनुमा आकृति बनी है, जिसपर क्लिक करने से Search (खोज) का विकल्प आता है, उसपर क्लिक करते ही गूगल उस शब्द से संबंधित खोज परिणाम प्रदर्शित करने लगता है। टाइपिंग पट्टी के ऊपरी दायें कोने में भी गूगल का ऑइकॉन है, जिसपर क्लिक करके गूगल-सर्च किया जा सकता है। इस विकल्प के जुड़े रहने से देवनागरी-सर्च को भी बढ़ावा मिलेगा।
5) वैयक्तिक चयन- गूगल का यह टूल आप द्वारा किये गये संशोधनों को भी अपने ध्यान में रखता है और अगली बार आपके रोमन अक्षरयुग्मों से उन्हीं शब्दों का सुझाव देता है जो आप द्वारा वांछित है। जैसे आप 'kam' से 'काम' की जगह 'कम' लिखना चाहते हैं तो अगली बार से यह आपकी पसंद का ख्याल रखता है।
6) सुखद अनुकूलन- गूगल इस टूल में फॉन्ट चयन, साइच चयन का विकल्प भी प्रदान करता है, जिससे आप अपनी पसंद के स्टाइल में टाइपिंग कर सकें।

अब इतना जान लेने के बाद आप यह ज़रूर जानना चाहेंगे कि इसे आप अपने सिस्टम में संस्थापित (इंस्टॉल) कैसे करें।

1) यहाँ क्लिक करके इसका सेट-अप डाउनलोड करें (आप चाहें तो इस टूल के अधिकारिक पृष्ठ पर जाकर भी सेट-अप डाउनलोड कर सकते है)।
2) एक ही क्लाइंट मशीन पर एक से अधिक भाषाओं का IME सेट-अप चलाया जा सकता है।
3) यह टूल Windows 7/Vista/XP 32-bit ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ काम करता है।
4) जब इंस्टॉलर डाउनलोड हो जाये तो उसे चलायें। यह कुछ डाउनलोड करने की शुरूआत करेगा।
5) नियम व शर्तों को स्वीकार करें-

6) गूगल इनपुट सेट-अप इंस्टॉल हो रहा है-

7) फिनिश बटन पर क्लिक करके इंस्टॉलेशन विज़ार्ड से बाहर आयें-


विन्यास (कन्फिगरेशन)

आप यदि इस टूल को चलाना चाहते हैं तो पहले तो आपके सिस्टम में यूनिकोड का सपोर्ट इंस्टॉल होना चाहिए। इसके लिए आप Control Panel -> Regional and Language Options -> Languages tab -> Install files for complex scripts and right to left languages और Install files for East Asian languages दोनों को चेक्ड करके इंस्टॉलर सीडी द्वारा इंस्टॉल करें। इसके बाद आपके टूलबार में भाषा का विकल्प दिखने लगेगा। भाषा के इस विकल्प को लैंग्वेज बार भी कहते हैं।

यदि लैंग्वेज-बार न दिखे तो।
डेस्कटॉप पर राइट क्लिक करें (दायाँ क्लिक करें) और टूलबार में जायें और निम्नलिखित चित्र की भाँति लैंग्वेज़ बार इनेबल करें।



यदि फिर भी लैंग्वेज बार नहीं दिखता तो निम्नलिखित तरीके से लैंग्वेज बार दिखायें-

Windows 7/Vista
Control Panel -> Regional and Language Options -> Keyboard and Languages tab
Text services and input languages dialog खोलने के लिए Change keyboards पर क्लिक करें।
Language Bar tab पर क्लिक करें
लैंग्वेज़ बार वर्ग से Docked in the taskbar रेडियो बटन को इनेबल (सक्रिय) करें।
उपर्युक्त सभी सेटिंग को इप्लाई करें और देखने की कोशिश करें कि आपके टूलबार में लैंग्वेज बार देखें।

Windows XP
जायें-Control Panel -> Regional and Language Options -> Languages tab -> Text services and input languages (Details) -> Advanced Tab
यह सुनिश्चित कीजिए कि System configuration विकल्प के अंतर्गत Turn off advanced text services चेक्ड नहीं है।
जायें- Control Panel -> Regional and Language Options -> Languages tab -> Text services and input languages (Details) -> Settings Tab
Language Bar पर क्लिक करें
Show the Language bar on the desktop चुनें और OK पर क्लिक करें।

IME का Shortcut कैसे सक्रिय करें-

हालाँकि आप लैंग्वेज बार से अंग्रेजी और हिन्दी को बारी-बारी से चुनकर दोनों भाषाओं के बीच टॉगल कर सकते हैं, लेकिन यदि आप अपने कीबर्ड से कोई शार्टकर्ट का इस्तेमाल करके किसी भी अनुप्रयोग में इसे चलाना चाहते हैं तो निम्नलिखित तरीके से कर सकते हैं-

Windows 7/Vista

Control Panel -> Regional and Language Options -> Keyboard and Languages tab

Text services and input languages dialog खोलने के लिए Change keyboards... बटन पर क्लिक करें।

Advanced Key Settings tab खोजें और इसपर क्लिक करें।

यदि Google Input उस लिस्ट में नहीं है तो Add पर क्लिक करें। Add Input language dialog box में भाषा विकल्प में हिन्दी और कीबोर्ड में Google Input चुनें।

Hot keys for input languages वर्ग में - Google Input पर जायें।

Change Key Sequence दबायें

Enable Key Sequence चुनें

Left ALT + SHIFT + Key 1 जैसा कोई विकल्प चुनें।

ऊपर्युक्त सभी सेटिंग को एप्लाई करें।

अब नोटपैड, वर्डपैड जैसे किसी अनुप्रयोग को खोलकर यह चेक करें कि शॉर्टकर्ट काम कर रहा है या नहीं। Left ALT + SHIFT + Key 1 दबायें और देखें कि हिन्दी में लिख पा रहे हैं या नहीं।


Windows XP


Control Panel -> Regional and Language Options -> Languages tab -> Text services and input languages (Details) -> Settings Tab
यदि या Google Installed Services बॉक्स में भाषा के रूप में नहीं जुड़ा है, तो Add पर क्लिक करके Add Input language dialog box खोलें Input language में जोड़े और Keyboard layout/IME में Google Input चुनें। OK पर क्लिक करें।
Key Settings पर क्लिक करें।
Hot keys for input languages में Switch to -Google Input चुनें
Change Key Sequence पर क्लिक करें
Enable Key Sequence चुनें
Left ALT + SHIFT + Key 1 जैसा कोई विकल्प चुनें।
ऊपर्युक्त सभी सेटिंग को एप्लाई करें।
अब नोटपैड, वर्डपैड जैसे किसी अनुप्रयोग को खोलकर यह चेक करें कि शॉर्टकर्ट काम कर रहा है या नहीं। Left ALT + SHIFT + Key 1 दबायें और देखें कि हिन्दी में लिख पा रहे हैं या नहीं।


फीचर-

मैं इसके बहुत से फीचरों के बारे में पहले ही बता चुका हूँ। एक बार चित्र के मध्यम से देखते हैं-

स्टेटस विंडो-

जब आप लैंग्वेज बार सक्रिय कर लेंगे और गूगल का विकल्प जोड़ लेंगे तो IME सक्रिय करने का शॉर्टकर्ट चलाते ही आपके स्क्रीन पर इस टूल का स्टेटस दिखाई देगा।



संपादन खिड़की-

स्क्रीन पर गूगल IME का विंडो दिखते ही आप नोटपैड सरीखे किसी अनुप्रयोग को खोलें और टाइप करना शुरू करें। जब आप 'googl' टाइप करेंगे तो निम्नलिखित तरीके से विकल्प दिखेंगे-



नेविगेशन और चयन-

बाय-डिफाल्ट सबसे बायाँ विकल्प आपका सक्रिय चयन है। आप अपना चयना BOTTOM-ARROW या TAB बटन द्वारा बदल सकते हैं। विकल्पों पर आगे बढ़ जाने के बाद पीछे के विकल्प/विकल्पों पर लौटने के लिए UP-ARROW या SHIFT+TAB बटन का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मुश्किल लगे तो माउस राजा तो है हीं। Enter बटन को दबाकर वांछित शब्द इमसर्ट कर सकते हैं। SPACE या कोई PUNCTUATION CHARACTER (विराह चिह्न) आदि बटनों का प्रयोग करके भी शब्द को पूरा टाइप किया जा सकता है। CTRL+ के शॉर्टकर्ट से भी आप प्रदर्शित विकल्पों में से वांछित विकल्प चुन सकते हैं। जैसे दूसरा विकल्प चुनने के लिए CTRL+2 -




शब्द-पूर्ति-

जब आप इस संपादित्र (एडीटर) के माध्यम से कोई शब्द टाइप करते हैं तो यह सारे संभावित शब्द युग्मों को काले और नीले रंगों में दिखाता है। काले रंग के बैकग्राउंड में प्रदर्शित हो रहे शब्द आपके द्वारा टंकित रोमन अक्षरों से सम्भावित शब्द है और नीले रंग के बैकग्राउंड में प्रदर्शित होने वाले शब्द शब्दकोश के शब्द हैं।

पेजिंग-

हमने जिस सेटिंग पर चर्चा की, उसमें 1 बार में 5 शब्द प्रदर्शित होते हैं। सेटिंग से आप इसे 6 तक बढ़ा सकते हैं। लेकिन मान लें कि इस टूल के पास आप द्वारा टंकित अक्षरयुग्मों के लिए 5 या 6 से अधिक सुझाव हैं तो यह 1 से अधिक पृष्ठों में सभी शब्द प्रदर्शित करेगा। आप देखेंगे कि ऊपर और नीचे जाने का Arrow नेविगेशन चमकने लगेगा। आप PAGEUP, PAGEDOWN बटन से भी इन विकल्पों के बीच दौड़ सकते हैं।



खोज-

किसी भी समय जब आप इस संपादित्र में टाइप कर रहे हों, दायें कोने में गूगल के ऑइकॉन पर क्लिक करके उस शब्द (हाइलाइटेड) से संबंधित गूगल खोज कर सकते हैं। गैरसक्रिय विकल्पों पर बने डाउनएरो(DownArrow) के निशान पर क्लिक करके उस विशेष विकल्प से संबंधित गूगल खोज कर सकते हैं।




प्रयोक्ता कैशे (USER CACHE)-

कम्प्यूटर के लिए कैशे एक अस्थाई स्मृति होती है जो कभी पहले इस्तेमाल किये गये डाटा के रूप में संग्रहणित होती है। कई दफ़ा स्मृति आधारित बहुत से कम्प्यूटर अनुप्रयोग अपनी इसी स्मृति की मदद से बहुत तेज़ काम करते हैं, तेज़ परिणाम देते हैं।

गूगल का यह आईएमई टूल भी प्रयोक्ता द्वारा सुझाये गये विकल्पों को अपने कैशे मेमोरी में संचित करके रखता है और अगली दफ़ा आपको वांछित परिणाम देता है। उदाहरण के लिए- मान लें कि आपने इस संपादित्र की मदद से रोमन में 'program' टाइप किया। यह टूल पहले आउटपुट के रूप में 'प्रोग्राम' दिखाया, लेकिन आपको दूसरा विकल्प 'प्रोगराम' वांछित था। आपने उसे एरो बटन या माउस द्वारा चुना।



जब आप अगली बार ''program' टाइप करेंगे तो गूगल का यह IME टूल आपके सुझाव और आपकी चाहत को ध्यान में रखेगा और पहले विकल्प के रूप 'प्रोग्रराम' दिखायेगा। नीचे दिखाये गये चित्र की तरह-




दो भाषाओं को आपस में बदलना-

आप इस टूल की मदद से पहले की तरह अंग्रेज़ी और हिन्दी भाषा दोनों के शब्द अपने एक ही कीबोर्ड से लिख सकते हैं। जब आईएमई सक्रिय हो, आप F12 या Ctrl+G की मदद से रोमन और देवनागरी को आपस में बदल सकते हैं।



आप चाहें तो आपके कम्प्यूटर स्क्रीन पर बने ऑइकॉन की मदद से 'अ' पर क्लिक करके 'A' और 'A' पर क्लिक करके 'अ' कर सकते हैं। 'अ' इस बात का सूचक है कि टाइपिंग-आउटपुट देवनागरी में होगा और 'A' इस बात का सूचक है कि टाइपिंग-आउटपुट रोमन में होगा।

कीबोर्ड-

गूगल ने इस बार एक इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड का विकल्प भी दिया है, जिसमें हिन्दी के सभी स्वर, व्यंजन, विराम चिह्न इत्यादि एक क्रम में सजे हुए हैं। इस कीबोर्ड की मदद से आप बहुत से जटिल और दुर्लभ शब्द या अपनी मर्ज़ी के सार्थक-निरर्थक शब्द अपने आलेख में जोड़ सकते हैं। जैसे यदि आप कीबोर्ड की मदद से 'यक्ष' लिखना चाहें तो कीबोर्ड से 'य' और 'क्ष' का बटन दबायें आपका काम हो जायेगा।

यह कीबोर्ड स्टेटस विंडों (कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखने वाला IME का ऑइकॉन) पर बने कीबोर्ड के ऑइकॉन पर क्लिक करके खोला जा सकता है या कीबोर्ड शॉर्टकर्ट Ctrl+K द्वारा खोला जा सकता है। माउस द्वारा वांछित अक्षर का चुनाव कर सकते हैं। माउस से स्टेटस विंडो पर बने कीबोर्ड के ऑइकॉन पर दुबारा क्लिक करके, या Ctrl+K दबाकर या Esc का बटन दबाकर इसे बंद किया जा सकता है।

गूगल ने पहली बार ZWJ और ZWNJ का विकल्प भी इस कीबोर्ड में दिया है। मैं यूनिप्रशिक्षण के दौरान कई बार इन दोनों के महत्व का उल्लेख कर चुका हूँ। आज संक्षेप में दुबारा लिखता हूँ-

ZWJ- Zero Width Joiner (शून्य चौड़ाई वाला योजक)- मतलब दो व्यंजनों को जोड़ने वाला ऐसा योजक जिसकी चौड़ाई शून्य हो। जैसे जब हम सामान्य तरीके से एक आधा व्यंजन और उसके बाद पूरा व्यंजन लिखते हैं तो दोनों मिलकर कई बार बहुत अजीब सा (अवांछित) रूप धर लेते हैं। जैसे जबकि हम 'रक्‍त' लिखना चाहते हैं, लेकिन इसका रूप 'रक्त' जैसा हो जाता है। असल में हम 'रक्‍त' इसी ZWJ की मदद से लिखते हैं। मतलब यह जोड़ भी देता है और कोई स्थान भी नहीं घेरता।
रक्त= र+क्+त
रक्‍त=र+क्+ZWJ+त

या मान लें आपको को 'क्‍', 'ख्‍', 'ग्‍'.....'च्‍', 'छ्‍'.....'त्‍', 'थ्‍' इत्यादि लिखना है तो ZWJ का इस्तेमाल करना होगा।
जैसे ग्‍= ग्+ZWJ

ZWNJ- Zero Width Non Joiner (शून्य चौड़ाई वाला अ-योजक)- मतलब दो व्यंजनों को पारस्परिक अलग-अलग दिखाने का उपाय जिससे हम व्यंजन के पूर्ण शुद्ध रूप को निरूपित कर सकते हैं, भले ही उसके बाद कोई व्यंजन ही आये। अमूमन हिन्दी में किसी पूर्ण शुद्ध व्यंजन के बाद कोई व्यंजन जुड़ते ही उसके आकार में कुछ विकार आ जाता है, लेकिन कई बार हम उसे अलग करके दिखाना चाहते हैं, जिसके लिए ZWNJ का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे मान लें कि 'रक्त' आप ना तो 'रक्त' की तरह और ना ही 'रक्‍त' की तरह दिखाना चाहते हैं बल्कि आप 'रक्‌त' की तरह दिखाना चाहते हैं तब आप ZWNJ का इस्तेमाल करेंगे।
रक्‌त= र+क्+ZWNJ+त




अनुकूलन-

इस टूल में अपने हिसाब से अनुकूलन करने का विकल्प भी मौज़ूद है। आप स्टेट्स विंडों में सेटिंग के ऑइकॉन पर क्लिक करके 'Suggestion Font' से यूनिकोड का फॉन्ट, साइज़ और बोल्ड, इटैलिक, अंडरलाइंड इत्यादि जैसे कस्टोमाइजेशन कर सकते हैं। आप मंगल और Arial Unicode MS के अलावा भी जैसे गार्गी, जयपुर यूनिकोड, जनहिन्दी इत्यादि जैसे यूनिकोड फॉन्ट (यदि आपने इसे अपने सिस्टम में अलग से डाल रखा है तो) जैसा कोई और फॉन्ट चुन सकते हैं।

अंग्रेज़ी के शब्दों के लिए फॉन्ट कस्टोमाइजेशन कर सकते हैं। पेज़ साइज़ बदल सकते हैं (एक पेज़ में कितने विकल्प दिखाने हैं)।

जिस प्रयोक्ता कैशे का उल्लेख मैंने ऊपर किया आप चाहें तो उसे निष्क्रिय भी कर सकते हैं, क्योंकि कई बार आप बहुत अजीब या कम प्रयोग में आने वाला शब्द टाइप करते हैं और आप नहीं चाहते कि चालू शब्द पहले नं॰ पर आना बंद हो।




मैंने गूगल के अंग्रेज़ी ट्यूटोरियल की मदद से, खुद से प्रयोग करके और कुछ पुराने अनुभवों के माध्यम से इस टूल के बारे में बताने की कोशिश की है। फिर भी यदि आपको कोई परेशानी आये तो लिखें।

यदि प्रयोक्ताओं को इस ट्यूटोरियल से बात समझ में नहीं आ पाती तो मैं वीडियो ट्यूटोरियल लेकर उपलब्ध होऊँगा।


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