जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ग्रहक्षेत्र जोधपुर के महामंदिर इलाके में जातीय पंचों के कथित फरमान से पीडि़त एक परिवार ने सामूहिक आत्महत्या का पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है। परिवार के मुखिया ने मुख्यमंत्री को भेजे एक शिकायत की पत्र की प्रति पत्रकारों को भी दी है। जिसमें उसने जातीय पंचायत के नाम पर उस पर हो रहे जुर्मो के बारे में बताया गया है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में शिवपुरी निवासी राणाराम खटिक ने कहा है कि उसके पुत्र व पुत्रवधू में चल रही पारिवारिक अनबन पर समाज में पंचायती हुई। समाज में बहिष्कृत और कानूनी कार्रवाई करने की धमकी देकर पंचायत ने पन्द्रह हजार रुपए का आर्थिक दंड उससे वसूल किया। महामंदिर थाने में इस घटना का एक मामला भी दर्ज कराया गया, लेकिन बाद में उसने मुकदमा वापस ले लिया। खत में आगे लिखा है कि मामला रफा-दफा होने के बाद समाज की फिर पंचायती हुई। उस पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया और समाज से पांच साल के लिए बहिष्कृत कर दिया गया। यही नहीं समाज को जो कोई व्यक्ति उससे बात करेगा उस पर भी 51 सौ रुपए का जुर्माना एवं एक साल तक समाज से बहिष्कृत करने का निर्णय भी इस पंचायती में हुआ। इस पूरे घटनाक्रम से उसका पूरा परिवार सदमे में है। ऐसी अन्याय पूर्ण पंचायती करने वालों पर रोक लगाकर उनके खिलाफ कठिन कार्रवाई की मांग करते हुए राणाराम ने अंत में लिखा है कि ऐसा नहीं किया गया तो उसे व उसके परिवार को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस पत्र में पंचों के नाम भी लिखे हैं। |
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