“मिस्टर“ से “महात्मा “
" गाँधी " उपनाम सुनते ही आज की पीढ़ी के लोगों को राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी, राजीव गाँधी, इंदिरा गाँधी ( जिनके पति फीरोज़ गाँधी के कारण ही यह उपनाम इस परिवार को मिला ) की याद आने लगती है, पर एक समय वह भी था जब यह उपनाम एक ऐसे महापुरुष के लिए मानों रिज़र्व था जिनका वास्तविक नाम तो मोहन दास करमचंद गाँधी था, पर इस देश की जनता ने जिन्हें " महात्मा ", "बापू ", " राष्ट्र पिता " जैसे तरह - तरह के सम्मानप्रद नाम देकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की थी। उनके जीवनकाल में अंग्रेजी समाचारपत्रों में उन्हें प्रायः " मिस्टर गाँधी " लिखा जाता था , अंग्रेज़ी-दां लोगों के बीच बातचीत में भी उन्हें इसी नाम से संबोधित किया जाता था, पर हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के समाचारपत्रों में उन्हें " महात्मा गाँधी " लिखा जाता था , और बोलचाल में तो लोग उन्हें केवल " महात्मा जी " ही कहने लगे थे । आइए, जानें कि उनके लिए इस संबोधन की शुरुआत कैसे हुई।
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