डायरी
आप यह अंश छात्रों को दें ।
“चंगा होने के बाद बाबूलाल तेली को एक जुलूस के रूप में
घर लाया गया" । घर पहुँचकर उन्होंने अपनी डायरी लिखी ।
उनकी डायरी कल्पना करके तैयार करें ।
वाचन करने का निर्देश दें ।
प्रसंग समझाने केलिए ये प्रश्न पूछें ।
बाबूलाल तेली को क्या हुआ था ?
अस्पतालवालों से उनको क्या-क्या अनुभव हुए ?
अस्पतालवालों, मित्रों, बंधुजनों के व्यवहार कैसे थे ?
इस घटना पर अपना विचार क्या था ?
विचारों या उत्तरों को क्रमबद्ध लिखवाएँ ।
पूछें, डायरी तैयार करते समय ध्यान देने की बातें क्या-क्या हैँ ?
चर्चा चलाएँ और इन बातों से संक्षिप्तीकरण करें ।
छात्रों से वैयक्तिक रूप से लिखवाएँ ।
दल में चर्चा चलाएँ और दो-तीन दलों से प्रस्तुतीकरण करवाएँ ।
आप अपना प्रस्तुतीकरण करें ।
TV
नागपुर,
2012 अगस्त 14
महीनों बाद आज घर पहुँचा । शामको सभा हुई । अच्छी-अच्छी बातें हुई । फिर जुलूस ने मुझे घर पहुँचा दिया । पत्नी और परिवारवालों की खुशी देखी । किसी व्यक्ति के मारने पर मैंने आवाज़ उठायी । इस पर उसने मेरी नाक पर मारा । शानदार अस्पताल पहुँचने पर टेस्ट पर टेस्ट किये । बहुत सारे पैसे खर्च हुए । परिवारवाले और साथी कर्मचारी लोगों ने सरकारी अस्पताल जाने को कहा था । लेकिन प्राइवट क्लिनिक पर ऑपरेशन हुआ । पर हालत बिगड गई । बंबई जाना पडा । बाद में मालूम हुआ कि कुछ सज्जन इसकेलिए चंदा किया और उन्होंने ही बंबई पहुँचा दिया था । शुक्र है उनका । अनाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने पर अपनी नाक खोनी पडी । ये सब सोचकर अब भी भय और अद् भुत है । आगे समाज के कोई भी व्यक्ति अनाचर पर आवाज़ उठाएगा ? हे भगवान ऎसा अनुभव दूसरों को न दे ।
आप यह अंश छात्रों को दें ।
“चंगा होने के बाद बाबूलाल तेली को एक जुलूस के रूप में
घर लाया गया" । घर पहुँचकर उन्होंने अपनी डायरी लिखी ।
उनकी डायरी कल्पना करके तैयार करें ।
वाचन करने का निर्देश दें ।
प्रसंग समझाने केलिए ये प्रश्न पूछें ।
बाबूलाल तेली को क्या हुआ था ?
अस्पतालवालों से उनको क्या-क्या अनुभव हुए ?
अस्पतालवालों, मित्रों, बंधुजनों के व्यवहार कैसे थे ?
इस घटना पर अपना विचार क्या था ?
- स्थान और तारीख हो ।
- स्वाभाविकता हो ।
- प्रभावपूर्ण प्रसंगों का उल्लेख हो ।
- प्रसंगों पर अपना विचार एवं तुलना हो ।
- आत्मनिष्ठ भाषा का प्रयोग हो ।
विचारों या उत्तरों को क्रमबद्ध लिखवाएँ ।
पूछें, डायरी तैयार करते समय ध्यान देने की बातें क्या-क्या हैँ ?
चर्चा चलाएँ और इन बातों से संक्षिप्तीकरण करें ।
छात्रों से वैयक्तिक रूप से लिखवाएँ ।
दल में चर्चा चलाएँ और दो-तीन दलों से प्रस्तुतीकरण करवाएँ ।
आप अपना प्रस्तुतीकरण करें ।
TV
नागपुर,
2012 अगस्त 14
महीनों बाद आज घर पहुँचा । शामको सभा हुई । अच्छी-अच्छी बातें हुई । फिर जुलूस ने मुझे घर पहुँचा दिया । पत्नी और परिवारवालों की खुशी देखी । किसी व्यक्ति के मारने पर मैंने आवाज़ उठायी । इस पर उसने मेरी नाक पर मारा । शानदार अस्पताल पहुँचने पर टेस्ट पर टेस्ट किये । बहुत सारे पैसे खर्च हुए । परिवारवाले और साथी कर्मचारी लोगों ने सरकारी अस्पताल जाने को कहा था । लेकिन प्राइवट क्लिनिक पर ऑपरेशन हुआ । पर हालत बिगड गई । बंबई जाना पडा । बाद में मालूम हुआ कि कुछ सज्जन इसकेलिए चंदा किया और उन्होंने ही बंबई पहुँचा दिया था । शुक्र है उनका । अनाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने पर अपनी नाक खोनी पडी । ये सब सोचकर अब भी भय और अद् भुत है । आगे समाज के कोई भी व्यक्ति अनाचर पर आवाज़ उठाएगा ? हे भगवान ऎसा अनुभव दूसरों को न दे ।
1 comment:
hindisopan@gmail.com
ഈ ഈമെയില് വിലാസത്തില് നിങ്ങള്ക്ക് കോപ്പി ആവശ്യപ്പെടാം.
സംശയിക്കേണ്ട. എല്ലാം കോപ്പി ലെഫ്റ്റ്.
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