सुकुबाई -हेलो
मेमसाब -हाँ,
मैं
हुँ
सुकुबाई -नमस्ते
मेमसाब
मेमसाब -क्या
आज देर से आई ?
सुकुबाई -आज
थोडी देर हो गई थी
मेमसाब -क्यों
देर से आई ?
सकुबाई -क्या
करूँ,मेमसाब
घर के अंदर पानी भर गया ।
मै
अपना बिस्तर-बिस्तर
सब सुमन के घर पर रख के आई ।
इसलिए देरी हुई
मेमसाब -हाँ
हाँ ठीक है,
क्या
मेरा थैले कुर्सी पर पडे हैं
?
सकुबाई -क्या
हाँ हाँ बोलो मैं सुनती कौन
सा ?
मेमसाब -मेरा
थैला
सकुबाई -हाँ
हाँ पडा है । ब्लूवाली है न ?
मेमसाब -जी
हाँ,
इसको
जगदीश के यहाँ फ़ॉल लगाने दो
।
सकुबाई -अच्छा
ठीक है,मैं
रात का खाना बनाऊँ ?
मेमसाब
मेमसाब -आज
मुझे खाना भी नहीं बनाना है
।
सकुबाई -तो
आज शाम को मैं जल्दी घर जाऊँ?
मेमसाब -तो
क्या ?
सकुबाई -घर
मैं पानी भर गया है न ।...थोडा
टाईम से जाते तो सफाई करके
साईली के लिए कुछ बना देती..।
मेमसाब -मैं
घर आने के बाद जाएँ ।
सकुबाई -अच्छा
ठीक है,नहीं
जाती ।
No comments:
Post a Comment